‘संगीतायन’ ने स्वामी श्रद्धानंद बलिदान दिवस शास्त्रीय शैली में मनाया गुरुकुल और नारी शिक्षा के उत्थान मेंश्रद्धानंद का अद्वितीय योगदान : श्रुति भास्कर

जनावेश न्यूज़
सहारनपुर।संस्कृति व संगीत कोगुरुकुल और नारी शिक्षा के उत्थान में स्वामी श्रद्धानंद के अद्वितीय योगदान समर्पित संस्था ‘संगीतायन’ ने गुरुकुल व आर्य समाज के उत्थान एवं महिला शिक्षा में अग्रणी भूमिका निभाने वाले स्वामी श्रद्धानंद जी का बलिदान दिवस शास्त्रीय शैली में बड़े श्रद्धा और विश्वास के साथ मनाया, साधकों ने जहां शास्त्रीय गीत-संगीत पर भजनों के माध्यम से स्वामी जी को श्रद्धा सुमन अर्पित किए वहीं समाज हित में उनके योगदान को याद करते हुए उनके दिखाएं मार्ग पर चलने का आह्वान किया।
सहारनपुर के हकीकत नगर आर्य समाज में आयोजित बलिदान दिवस कार्यक्रम का शुभारंभ संगीतायन की श्रीमती उमा गुप्ता, दीपा सचदेवा और प्राची अग्रवाल ने ‘राग बिलावल’ में प्रार्थना “हे प्रभु आनंद दाता ज्ञान हमको दीजिए”व शौर्य कंबोज ने “इंसान उसे प्रभु को हर गिज नामूल जानिए”की अद्भुत प्रस्तुति दी।
अंजली चौधरी ने राग ‘भैरवी’ पर सामगान सब जन मिल गाए , राग ‘तिलक कामोद’ पर सौम्या शर्मा ने ‘ठुमरी’ “मैं उनके दरस की प्यासी”की शानदार प्रस्तुति दी तो बाल कलाकार जश्नूर कौर, नव्या अपूर्वा ने “है भगवान जगत हितकारी” व मैत्री गुप्ता और आराध्या चोपड़ा ने “दाता तेरी ज्ञान की ज्योति हृदय में जो छा जाए”की शानदार प्रस्तुति दे श्रोताओं को ज्ञान और भक्ति की सरस धारा से सरोकार कर दिया।
‘संगीतायन’ के आचार्य श्रुति भास्कर ने धर्म को वास्तविक रूप में अपना कर सभी कार्य धर्म अनुसार करने का आह्वान किया क्योंकि धर्म का मूल वेद है और वेद परमात्मा के द्वारा दिया गया है, उन्होंने गुरुकुल और नारी शिक्षा के उत्थान में स्वामी श्रद्धानंद के अद्वितीय योगदान की भी विस्तार से चर्चा की।
इस दौरान मुख्य रूप से श्रीमती संतोष चौधरी राजबाला सैनी, सुषमा सैनी, सतीश सैनी, श्रीमती हिमानी कंबोज, उमा गुप्ता, राजेंद्र चौहान व संजय शर्मा समेत अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे अध्यक्षता महावीर आर्य द्वारा की गई, सहारनपुर से राकेश ठाकुर की रिपोर्ट