1 July 2025

उत्तराखंड के अधिकतर क्षेत्रों में भारी बारिश के आसार, मौसम विभाग ने जारी किया अलर्ट

उत्तराखंड में धूप और बादलों की आंख-मिचौनी के बीच तीव्र बौछार का क्रम जारी है। हालांकि, कहीं-कहीं गरज-चमक के साथ भारी वर्षा भी दर्ज की जा रही है, लेकिन बीते तीन दिनों से प्रदेश में वर्षा सामान्य से कम हो रही है। देहरादून समेत आसपास के क्षेत्रों में भी धूप खिलने के बाद मौसम करवट बदल रहा है और झमाझम वर्षा के एक से दो दौर हो रहे हैं। मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह के अनुसार, प्रदेश में मौसम के तेवर फिर बदल सकते हैं। अगले दो दिन बागेश्वर और चमोली में भारी से बहुत भारी वर्षा को लेकर आरेंज अलर्ट जारी किया गया है। वहीं, देहरादून, रुद्रप्रयाग, टिहरी, पौड़ी, नैनीताल, पिथौरागढ़, चंपावत व ऊधमसिंह नगर में भी गरज-चमक के साथ तीव्र वर्षा के एक से दो दौर हो सकते हैं।

बारिश के कारण जनजीवन अस्त व्यस्त
दून में सुबह चटख धूप खिलने के बाद शाम को हुई करीब एक घंटे की वर्षा से कई क्षेत्रों में जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हो गया। नालापानी, ननूरखेड़ा क्षेत्र में जंगल की ओर से भारी मात्रा में आए बरसाती पानी से सड़कों पर बाढ़ आ गई। जिससे आवाजाही काफी देर तक प्रभावित रही। इसके साथ ही घरों-दुकानों में भी पानी व मलबा घुस गया। क्षेत्र के नदी-नालों में भी भारी उफान आ गया। वहीं, शहर में कुछ देर तीव्र वर्षा से चौक-चौराहों पर जलभराव हुआ। आज यानी मंगलवार को भी दून में कहीं-कहीं भारी वर्षा के आसार हैं। सोमवार को दून में सुबह से धूप खिली रही। हालांकि, दोपहर बाद आसमान में बादल मंडराने लगे। करीब तीन बजे शहर के ज्यादातर क्षेत्रों में बौछार का सिलसिला शुरू हुआ। सहस्रधारा रोड और रायपुर क्षेत्र में जमकर वर्षा हुई। जिससे तमाम नदी-नाले उफान पर आ गए। जंगलों की ओर से वर्षा का पानी रिहायशी क्षेत्र में आ गया। बरसाती रपटे उफान पर आने से भी कई जगह आवाजाही ठप हो गई।
नालापानी से लेकर ननूरखेड़ा, तपोवन क्षेत्र में वर्षा का पानी बाढ़ के रूप में बहने लगा और दुपहिया वाहनों के बहने का खतरा पैदा हो गया। इसके अलावा क्षेत्र में स्थित घरों व दुकानों में मलबा घुस गया। देर शाम सड़कों से पानी उतरा, लेकिन कीचड़ व मलबा पड़े होने से आवाजाही में परेशानी का सामना करना पड़ा।
शहर में हुई वर्षा के कारण चौक-चौराहों पर जलभराव की स्थिति रही। हालांकि, सहारनपुर चौक से आइएसबीटी की ओर से वर्षा कम हुई।

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