श्रीमद् भागवत कथा का सातवां दिन कलयुग में नाम सिमरन से ही मोक्ष : पं. रसिक दास

जनावेश न्यूज़
सहारनपुर। पंडित रासरसिक
दास ने कहा कि नाम और भक्ति के माध्यम से भगवान को सहजता से प्राप्त ही नहीं किया जा सकता, बल्कि उनके सामान पद-प्रतिष्ठा और ऐश्वर्य भी मिल जाता है।
सहारनपुर के पंजाबी बाग स्थित श्रीरामेश्वर धाम मंदिर मैं चल रही “श्रीमद् भागवत कथा” के सातवें दिन गोपीनाथ गोडिया मठ वृंदावन के पंडित रास रसिक दास ने कंस वध व कृष्ण-सुदामा मित्रता की संगीतमय मार्मिक कथा सुना कर श्रद्धालुओं को कृष्ण भक्ति से सराबोर करते हुए नाम सुमरन की महत्ता बताई। उन्होंने कहा कि कलयुग केवल नाम का युग है इसमें नाम की पूजा होती है नाम से ही भजा जाता है जो नाम को पकड़ लेता है उसे सहज ही मुक्ति मिल जाती है जबकि नाम छोड़कर दूसरा मार्ग पकड़ने वाला जीव भटकता रहता है।
पंडित रसिक दास ने कहा कि परमात्मा होते हुए भी भगवान कृष्ण ने संदीपनी आश्रम में गुरु-शिष्य व मित्र परंपरा का निर्वहन कर गुरु अनुग्रह को पाया जबकि सुदामा ने नाम संकीर्तन भक्ति के बल पर ही द्वारिका नगरी के समान सुदामापुरी का राज्य व मोक्ष को प्राप्त किया।
उन्होंने कहा कि भगवान के नाम से प्रेम करने वाले योगियो को दुर्लभ लोक प्राप्त हो जाते है,इसलिए कलयुग में नाम सुमरन करें इसी से उसका कल्याण होगा।
कथा के दौरान कृष्ण- सुदामा चरित्र पर आधारित झांकी ने श्रद्धालुओं की आंखें नम ही नहीं की बल्कि वह कृष्णा सुदामा की भक्ति से सराबोर रहे। वृंदावन से ही आए पंडित ऋषभ देव दास, सत्येंद्र दास, शिवकेश पांडे दास ने विश्व श्रद्धालुओं को भक्ति रस से सराबोर रख रखा तो मंदिर आचार्य श्री पंडित अनिल हठवाल, अखिलेश हठवाल ने भजनों पर झूमने पर मजबूर कर दिया।
पंडित अरविंद शर्मा के अलावा श्री रामेश्वर धाम समिति के सतबीर सिंह, लख्मीचंद शर्मा, ललित कुमार, कुलदीप शर्मा, रामकुमार का विशेष सहयोग रहा, सहारनपुर से राकेश ठाकुर की रिपोर्ट