Chardham Yatra पर आने वाले पर्यटक वाहनों के लिए ये कार्ड जरूरी, वरना नहीं मिलेगी एंट्री

चारधाम यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं के वाहनों के साथ ही अब गढ़वाल मंडल में आने वाले पर्यटकों के वाहनों को भी ग्रीन-कार्ड बनवाना होगा। दरअसल, अब तक केवल श्रद्धालुओं के व्यावसायिक वाहनों के लिए ही ग्रीन-कार्ड बनवाने की अनिवार्यता थी, लेकिन अब ट्रेकिंग, कैंपिंग या अन्य साहसिक पर्यटन के लिए काणाताल, केदारकांठा, चोपता, पंवालीकांठा, देवरिया ताल, हर्षिल, सतोपंत व फूलों की घाटी जैसे पर्यटकस्थल आने वाले पर्यटकों के वाहनों को भी परिवहन विभाग से ग्रीन-कार्ड लेना होगा। परिवहन विभाग ने दुर्घटनाओं पर नियंत्रण व वाहन की पूरी जानकारी जुटाने के दृष्टिगत यह निर्णय लिया है। वहीं, श्रद्धालुओं को बड़ी राहत देते हुए प्रदेश सरकार ने चारधाम यात्रा के वाहनों की किराया वृद्धि की ट्रांसपोर्टरों की मांग खारिज कर दी है और वर्ष-2022 में निर्धारित किए गए किराये पर ही यात्रा कराने के आदेश दिए हैं।
16 यात्रियों की हुई थी मौत
चारधाम यात्रा के दौरान पिछले वर्ष 15 जून को दिल्ली से ट्रेकिंग के लिए जा रहे पर्यटकों का टैंपो ट्रेवलर ऋषिकेश-बदरीनाथ राजमार्ग पर अनियंत्रित होकर अलकनंदा नदी में जा गिरा था, जिसमें 16 यात्रियों की मृत्यु हो गई थी। जांच में सामने आया था कि पर्यटक देर रात दिल्ली से चले थे व चालक लगातार वाहन चला रहा था। पर्यटक वाहनों के लिए ग्रीन-कार्ड लेने की अनिवार्यता न होने से न तो इन वाहनों की फिटनेस की जांच हो पाती है और न इनके चालकों के पर्वतीय मार्गों पर वाहन चलाने के अनुभव के बारे में परिवहन विभाग को कुछ पता होता है। ऐसे में दुर्घटना का खतरा बना रहता है। लिहाजा, परिवहन विभाग ने इस बार से पर्यटकों के वाहनों के लिए भी ग्रीन-कार्ड बनाना अनिवार्य करने का प्रस्ताव सरकार को भेज दिया है।