77 वें संत निरंकारी मंडल के समागम का दूसरा दिन प्रेमाभक्ति ईश्वङर प्राप्ति का सरलतम मार्ग : माता सुदीक्षा जी महाराज

जनावेश न्यूज
समालखा (हरियाणा )।सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज ने कहा कि ब्रह्मज्ञान की दिव्य रोशनी से जब हम इस परमपिता परमात्मा संग जुड़ते है तब हम सही अर्थो में सभी से प्रेम करने लगते हैं। यही प्रेमाभक्ति ईश्वङर प्राप्ति का सरलतम मार्ग है।
समालखा (हरियाणा) में संत निरंकारी मंडल के 77वें वार्षिक निरंकारी संत समागम मैं भक्ति की परिभाषा को एक नया दृष्टिकोण देते हुए सतगुरु माता जी ने कहा कि यदि जीवन के हर क्षण को भक्ति में बदल दिया जाए, तो अलग से पूजा का समय निकालने की आवश्यकता ही नहीं रहती। यही विचारधारा जब व्यापक रूप ले लेती है तो सबके प्रति निस्वार्थ सेवा और प्रेम की भावना को जाग्रत करती है साथ ही संतों का संग और ध्यान (सुमिरण) आत्मा को गहराई से जोड़ने का सरल व सशक्त माध्यम है।
संत समागम का द्वितीय दिन रैली को समर्पित है जिसका आयोजन भव्य रूप में परंपरागत ढंग से सतगुरु माताजी ने ध्वजारोहण के साथ किया । रैली में देश एवं दूर-देशों से आए हुए सेवादल के भाई एवं बहनों ने भाग लिया और मिशन की शिक्षाओं एवं आध्यात्मिकता पर आधारित लघु नाटिकायें प्रस्तुत की। इस अवसर पर शारीरिक व्यायाम, खेलों एवं विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति द्वारा प्रमुखता से निःस्वार्थ सेवा भाव को अभिव्यक्त किया । सतगुरु माता जी नेकहा कि प्रत्येक सदस्य में सेवा, सुमिरण और सत्संग का जज्बा निरंतर बढ़ता रहे और हम सब अपने जीवन को निरंकार के प्रति समर्पित करते हुए समाज में अनुकरणीय योगदान दें, समालखा से राकेश ठाकुर की ग्राउंड रिपोर्ट