4 November 2025

कृषि उद्यमिता विकास पर कार्यशाला कैक्टस से चमड़ा व रबड़ की खेती से संंवारे भविष्य : गुलशन नागपाल

सहारनपुर।गोचर महाविद्यालय रामपुर मनिहारान व नेशनल एकेडमी ऑफ़ एग्रीकल्चर रिसर्च हैदराबाद के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित “कृषि उद्यमिता निमित्त छात्रपयोगी ज्ञान कौशल विकास कार्यशाला” में विशेषज्ञों ने परंपरागत कृषि छोड़कर सकारात्मक सोच के साथ अपने उत्पादो को एक उद्योग के रूप में विकसित करने पर बल दिया।
जिला मुख्यालय से लगभग 12 किलोमीटर दूर रामपुर मनिहारान के गोचर महाविद्यालय में आयोजित कार्यशाला में जाने माने मोटिवेशनल स्पीकर एवं प्रमुख उद्यमी गुलशन नागपाल ने कृषि स्नातकों का आह्वान किया कि वह परंपरागत कृषि गेहूं गाना और आम जैसी फसलों को छोड़कर एक सकारात्मक सोच के साथ कृषि को उद्योग के रूप में संचालित करें। उन्होंने अफ्रीकन देश का उदाहरण देते हुए कहा कि जिस प्रकार वहां का किसान कैक्टस से चमड़ा बनाकर भारत को आयात कर इसे एक उद्योग के रूप में विकसित किया है।
श्री नागपाल नहीं है अभी कहा कि भारत में रबड़ की अत्यधिक खपत होने के कारण किसान रबड़ की खेती कर इसे भी उद्योग के रूप में विकसित कर सकता है कृषि स्नातकों का इस शेर के साथ आह्वान किया-
इरादा कर लिया जब ऊंची उड़ान का।
फिर फिजूल है कद नापना आसमान का।।
इसके अतिरिक्त कार्यशाला को हैदराबाद से आए डॉक्टर एस के सोम, डॉ जेपी सिंह डॉक्टर राजवीर सिंह एम गोचर महाविद्यालय के प्रधानाचार्य प्रोफेसर ओंकार सिंह ने छात्रों को उधमिता से जुड़े अनेक गुर बताकर कृषि क्षेत्र में अपना उज्जवल भविष्य तलाशने का आह्वान किया, सहारनपुर से राकेश ठाकुर की रिपोर्ट

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