23 June 2025

रुद्राक्ष के पौधेरोपित कर मनाया महाशिवरात्रि पर्व “विश्व के सभी रोगों की महा औषधि है रुद्राक्ष:महामंडलेश्वर

जनावेश न्यूज़सहारनपुर । रुद्राक्ष को विश्व के सभी रोगों की अचूक दवा बताते हुए दिव्य शक्ति अखाड़े ने 11 रुद्राक्ष के पौधे रोपित कर महाशिवरात्रि एवं त्रयोदशी का पावन पर्व पारंपरिक हर्षोल्लास के साथ मनाया और समाज से भी अधिक से अधिक रुद्राक्ष के पौधे रोपित करने का आह्वान किया।
सहारनपुर के दीपांशु कॉलेज प्रांगण में दिव्य शक्ति अखाड़े के महामंडलेश्वर आचार्य सन्त कमल किशोर के सान्निध्य एवं महामंडलेश्वर अनिल कोदण्ड श्यामसखा और प्रसिद्ध भागवताचार्य उद्धव कोदण्ड के निर्देशन में महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर दीपांशु कालेज के निदेशक गजेंद्र सिंह पुंडीर व अन्य अतिथियों ने 11 रुद्राक्ष के पौधे रोपित किए और समाज को इसकी आवश्यकता बताते हुए अधिक से अधिक पौधे आरोपित करने का आह्वान किया।
महामंडलेश्वर संत कमल किशोर ने शिव पुराण की विद्येश्वर संहिता का जिक्र करते हुए स्पष्ट किया कि शिवलिङ्ग की पूजा और रुद्राक्ष धारण का अधिकार किसी भी वर्ण के पुरुष अथवा स्त्री को समान रूप से भगवान शिव द्वारा प्रदत्त है लेकिन रुद्राक्ष धारी मनुष्य को अपने खान-पान में मदिरा, मांस, लहसुन, प्याज, सहिंजन,लसोड़ा इन सब का त्याग करना नितांत आवश्यक है। सभी प्रकार के विषों को नष्ट करने वाले पेड़ों में बिल्व, दूर्वा, गिलोय और रुद्राक्ष में सबसे श्रेष्ठ रुद्राक्ष का पेड़ ही माना जाता है। ।
महामंडलेश्वर अनिल कोदण्ड श्यामसखा ने कहा कि सांसारिक मनुष्य को केवल एक मुखी या पंचमुखी रुद्राक्ष को ही धारण करना चाहिए। शेष मुखी रुद्राक्ष को केवल विरक्त सन्यासी जिन्होंने गृहस्थ आश्रम को त्याग दिया है, वही पहन सकते हैं। रुद्राक्ष की महिमा बताते हुए उन्होंने कहा कि रुद्राक्ष की माला जपते हुए रुद्राक्ष पर उभरे हुए कंटक हृदय की गति और ब्लड प्रैशर को नियमित करते हैं और कभी भी हार्टअटैक नहीं होता।रुद्राक्ष को धारण करने वाला मनुष्य स्वयं शिव स्वरूप हो जाता है।
निदेशक गजेन्द्र सिंह पुंडीर ने इसे जनजागरण अभियान बनाने का आह्वान करते हुए कहा हुए कहा कि शीघ्र ही उनके शिक्षण संस्थान द्वारा फलदार पेड़ों के साथ साथ 500 रुद्राक्ष के पेड़ आगामी महाशिवरात्रि पर वितरित किए और लगाए जाएँगे।उन्होने कहा कि प्रकृति की सर्वश्रेष्ठ रचनाओं में एक पेड़-पौधे भी हैं जो सम्पूर्ण मनुष्यों,पशुओं और पक्षियों को भोजन उपलब्ध कराते हैं अतः इनका संरक्षण हर मनुष्य का कर्तव्य है।
कार्यक्रम में संयोजक सुरेश निझावन ,डॉ गौरव ठाकुर,डॉ विश्वकर्मा,अमित, जनेश्वर,भरत दहिया, सिद्धार्थ, रूप सिंह, अभिनव, शौर्य , आराधना , गुरु माँ अनीता जी, मनीषा धीमान, , श्रवण पांडे, विवेक जाधव,प्रदीप कुमार समेत अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे, सहारनपुर से राकेश ठाकुर की रिपोर्ट

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